Jun 30, 2009

आज से पहले

आज से पहले आज से ज़्यादा
कुशी आज तक नहीं मिली
इतनी सुहानी ऐसी मीठी
घड़ी आज तक नहीं मिली
आज से पहले आज से ज़्यादा...

इस को संजोग कहें या किस्मत का लेखा
हम जो अचानक मिले हैं
मन चाहे साथी पाकर हम सब के चहरे
देखो तो कैसे खिले हैं
तकदीरों को जोड़ दे ऐसे
किन्हीं तकदीरों को जोड़ दे ऐसे
लड़ी आज तक नहीं मिली
आज से पहले आज से ज़्यादा...

सपना ओ जाए पूरा, जो हमने देखा
ये मेरे दिल की दुआ हाय
ये पल जो बीत रहें हैं इन के नशे में
दिल मेरा गाने लगा हाय
इसी कुशी को धूंध रहे थे
हम इसी कुशी को धूंध रहे थे
यही आज तक नहीं मिली
आज से पहले आज से ज़्यादा...

- From the movie Chitchor.

1 comment:

nidhinuts said...

hmm..nice..kya chal raha hai? :D